Aarati - आरती  

जो कुछ आपके आत्मा को आनंद देता है वह पूजा मे इस्तेमाल करते है... वह दिया जाता है; भगवान के सामनेदिया जलाके हम अपने अंदर का प्रकाश का सन्मान करते है, अपने अंदर का प्रकाश तत्त्व जागृत हो जाता है. प्रकाश तत्त्व यह अपने आज्ञा चक्र पे है. जब आप आरती करते है या फ़िर भागवान के सामने दिया जलाते है.. जबआप भागवान को प्रकाश दिखाते है तब आपके अंदर का प्रकाश तत्त्व जागृत हो जाता है(८००९२७)

भारत के छोटे छोटे गाँवो मे, लोग बहोत अच्छेसे मिल-जुल के रहते है, सबसे प्यारसे पेश आते है... कैसे... क्यूंकिवह मांगल्य देता है.. मांगल्य पूर्ण सहवास बहोत आनंदमयी, आल्हाददायक, सुंदर होता है.. और यह.. आप कैसे लासकते है... आप मेरे प्रतिमा कि छोटी सी आरती किया करिये.. यह अच्छी कल्पना है(८००९२७)


- जय श्री माताजी -



८००९२७ - Lethargy, Chelsham road

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श्री माताजी निर्मला देवी