निज जीवन समर्पित करूँ!  

श्री राम सा मर्यादित बनूँ, क्रोध और अंहकार पर विजय करूँ!
श्री दुर्गा विराजे मेरे ह्रदय में, ताकि मैं अभय बनूँ!
श्री हनुमान सी भक्ति हो मेरी, श्री शिव के जैसा साक्षी भाव वरु!
विजयादशमी के अवसर पर श्री माँ के चरणों में निज जीवन समर्पित करूँ!

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श्री माताजी निर्मला देवी