हे, जीवन के प्राण  


हे, जीवन के प्राण! मेरा अन्तर विकसित कर!

निर्मल कर, उज्जवल कर, सुंदर कर, जागृत कर,

निर्भय और उद्धत कर, निरालस और शंका रहित कर!

हे, जीवन के प्राण! मेरा अन्तर विकसित कर!

मेरा अन्तः करण सबसे जोड़ता, मुझे बंधन मुक्त कर!

मेरे सब कर्मो में तेरा शांतिमय छंद भर जाए,

अपने चरण - कमल पर मेरा चित स्थिर कर!

मुझे आनंदित कर, आनंदित कर, आनंदित कर!

हे, जीवन के प्राण! मेरा अन्तर विकसित कर!


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