पिंगला नाडी
देवता : श्री महासरस्वती
विराट में स्थान : यमुना नदी
गुण : रजोगुण, भविष्यकाल, अतिद्नेय चेतन
वैज्ञानिक नाम : Right Sympathetic Nervous System
सूक्ष्म गुण : स्वाभिमान, कृति, निर्मिती, शारीरिक एवं मानसिक हलचल, शारीरिक एवं बौद्धिक कार्य
शरीर में स्थान : संपूर्ण दायाँ भाग
बाधा होने के कारण : हुकुमशाही, हुकूमत, अहंकार, हठयोग, जिद्दी स्वभाव, भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा सोचना, बेशरमी
विवरण : परमपूज्य श्री माताजी निर्मला देवी ने सहजयोग द्वारा यह सिद्ध किया हैं के मनुष्य के शरीर में दहिनी ओर इच्छा शक्ति हैं। उसे 'सूर्य नाडी' भी कहते हैं। यही नाडी इच्चापुर्तिके लिए कार्य करने की शक्ति देती हैं। शारीरिक एवं बौद्धिक कार्य करने वाली यह नाडी हैं। यह कार्य घटित होते वक्त ही मस्तिष्क में बायीं ओर अहंकार निर्माण होता हैं।
विराट में स्थान : यमुना नदी
गुण : रजोगुण, भविष्यकाल, अतिद्नेय चेतन
वैज्ञानिक नाम : Right Sympathetic Nervous System
सूक्ष्म गुण : स्वाभिमान, कृति, निर्मिती, शारीरिक एवं मानसिक हलचल, शारीरिक एवं बौद्धिक कार्य
शरीर में स्थान : संपूर्ण दायाँ भाग
बाधा होने के कारण : हुकुमशाही, हुकूमत, अहंकार, हठयोग, जिद्दी स्वभाव, भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा सोचना, बेशरमी
विवरण : परमपूज्य श्री माताजी निर्मला देवी ने सहजयोग द्वारा यह सिद्ध किया हैं के मनुष्य के शरीर में दहिनी ओर इच्छा शक्ति हैं। उसे 'सूर्य नाडी' भी कहते हैं। यही नाडी इच्चापुर्तिके लिए कार्य करने की शक्ति देती हैं। शारीरिक एवं बौद्धिक कार्य करने वाली यह नाडी हैं। यह कार्य घटित होते वक्त ही मस्तिष्क में बायीं ओर अहंकार निर्माण होता हैं।
August 18, 2015 at 10:14 AM
jai shri mata ji
pingala nadi k vishay me jo aapne bataya hai usme ek truti hai pingala nadi kriya shakti hai or lekh me use iccha shakti bataya gaya hai. krapaya iska sudhar kare..
February 16, 2017 at 12:41 PM
Jai shree mataji.aap dhyan se lekh padhe.lekh me koi truti nahi hai.