कृतयुग का आरम्भ
लगभग पच्चीस वर्ष पूर्व सत्ययुग की क्रियाशीलता को दर्शाते हुए अन्तः कालीन (बीच का समय) कृतयुग का आरम्भ हुआ। कृत-युग आध्यात्मिक चेतना का अद्वितीय काल हैं क्योंकि इसमें परमात्मा की सर्वव्यापी शक्ति, जिसे हम संस्कृत में 'परमचैतन्य' कहते हैं, सर्वसाधारण मानव के स्तर पर गतिशील हो उठी है। भविष्यवाणी की गई हैं की यह परमेश्वरी गतिविधि चिरप्रतीक्षित विकास एवम् आध्यात्मिक उत्थान के युग - सत्ययुग को लौटा कर लाएगी। सभी प्रकार से देखा जा सकता है की सत्य का समय अब उन्नत हो रहा है और हम स्पष्ट रूप से देख सकते है की सहजयोग के माध्यम से किस प्रकार बिल्कुल सर्वसाधारण लोग भी पूर्ण सत्य एवम् वास्तविकता के प्रति चेतन हो रहे है।
- श्री माताजी निर्मला देवी
- श्री माताजी निर्मला देवी
April 20, 2011 at 1:15 AM
Jai Shri Mataji Brother,
I am finding it very difficult to express my feelings in works. Our Sahaja Yogi Brothers and sisters can understand it very well. Thank you very much for your afferts. This is highly helpful and useful for our other borothers and sisters. Jai Shri Mataji