'इंगा, पिंगा, ठिंगा' जैसे भयानक शब्द मंत्र नही है  





" इस देश में एक बहुत बड़ी संस्था है, अन्य सभी स्थानों पर भी ऐसी संस्थाएं हैं जो मन्त्र देती हैं. इसके बारे में सोचें! छः चक्र हैं, जो मुलभुत हैं. इसके अतिरिक्त भी बहुत से चक्र हैं जिनके बारे में मैं आपको बताना नहीं चाहती नहीं तोआप हैरान हो जायेंगे. परन्तु छः मुख्या चक्र और दायें और बाएं के दो चक्र सूर्य और चंद्र के. रीढ़ के निछले छोर परसातवाँ चक्र हैं. अतः आप देख सकते हैं की नौ चक्र हैं जो मूल रूप से हमें समझने हैं. और इन नौ चक्रों पेविराजमान नौ देवी-देवता हैं. हर एक व्यक्ति को आप एक ही मन्त्र कैसे दे सकते हैं? मानलो आपको छः दरवाजों सेगुजरना है परन्तु आपके पास केवल एक ही दरवाजा पार करने के लिए आज्ञा-पत्र हैं - पाँचवे दरवाजे का, और आपपहले दरवाजे पर हैं - तो किस प्रकार आप पहले दरवाजे को पार करेंगे? इन लोगों को इसकी कोई समझ नही हैं. उन्होंने ऐसे भयानक मन्त्र दिए के में हैरान थी! एक है 'ठिंगा', जिसका मतलब हैं अंगूठा दिखाना. ऐसे मंत्रों की क्याआप कल्पना भी कर सकते हैं? ऐसा शब्द बोलना भी कितना हास्यापद हैं. इंगा, पिंगा, ठिंगा जैसे भयानक शब्दमंत्र हो ही नहीं सकते. ये सारी मुर्खता हैं. ये सब लुटेरे बैठे हुए हैं. आपके कान में वे मन्त्र देते हैं और कहते हैं कि इसेकिसी अन्य को नहीं बताना. मैं आश्चर्यचकित थी कि अंत में तो वे 'डिम्बवाही नली' (Fellopian Tube) का मंत्र देनेसे भी नहीं हिचकिचाएं. मैंने कहा, क्या? डिम्बवाही नली! ये मंत्र कैसे हो सकता हैं? और हम ये मंत्र लेते हैं, इनकेलिए पैसे देते हैं! लोग इन मंत्रों के लिए तीन हजार पौंड तक दे चुकें थे. तीन हजार पौंड के बदले में उन्हें एक हफ्तेतक खाने के लिए उबले आलूओं का पानी दिया गया. पाँच दिनों तक सिर्फ़ वो पानी पिने को दिया गया. एक दिनआलूओं के छिलके और एक दिन उबले हुए आलू ताकि वे दुर्बल हो जाएँ और उनका मस्तिष्क काम न करें तथाआसानी से उन्हें सम्मोहित किया जा सके. इन भयानक गुरुओं से आप लोग सावधान रहे.



- परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी
(मैकेबियन हॉल, ऑस्ट्रेलिया, २२/०३/१९८१)

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श्री माताजी निर्मला देवी