विश्व निर्मला धर्म क्या है  



"अपने श्याम के ध्यान मैं आपको पूछना चाहिए, " मैंने सहजयोग के लिए क्या कीया?" केवल एक यही प्रश्न। मेरे जेसे या श्री कृष्ण जैसा व्यक्ती ये भी नही सोचता के हम कुछ कर रहे है। तो हम क्या पूछ सकते है? मैं यदि अपने बारे मैं विश्लेषण करू या सोचु तो मैं खो जाती हु। ये मेरी शक्ति से परे है। परन्तु बेहतर होगा के आप अपने आप को समझे। जहा तक मेरा सम्बन्ध है, मैं सोचती हूँ के जब तक मेरा जीवन है, मैं नही जानती - हो सकता है मैं हमेशा जीवित रहूँ, मैं हमेशा भी जीवीत रह सकती हु, परन्तु जब तक मैं पृथ्वी पर हु, मैं ये देखूंगी के सहजयोग पुर्णतः स्थापित हो गया है। आप लोगो से मेरा ये वचन है। 'संस्थापनार्थयः', धरम को पुनः स्थापित करने के लिए परमात्मा बार - बार अवतरित होते हैं, केवल धर्म ही नहीं, विश्व निर्मला धर्म, जो मानव रचित सामान्य धर्मो से कही अधिक उचा धर्म है। विश्व निर्मला धर्म बहुत कम समय मैं स्थापित हो जाएगा।


(परम पूज्य श्री माताजी, इपेविच, U.K. १९.०८.१९९०)


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