मंत्र क्या हैं?
"यह आत्मा की अभीव्यक्ति करने वाले शब्द की शक्ति है। मंत्र मात्र एक विचार होता है जो चैतन्यित है। चैतन्य से परिपूर्ण कोई भी विचार मन्त्र हैं।"
- परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी
(विएन्ना, ०४/०९/१९८३)
Posted in मंत्र, सहजयोग by पूनम
एक ही चीज़ मुझे खुशी दे सकती है और वह है कि जैसा प्यार मैंने आपसे किया है, वही प्यार आप एक दुसरे से करें - श्री माताजी निर्मला देवी
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