मंत्र ऐसे होने चाहिए की जो मशीनवत (mechanical) न हों
"आपको चाहिए कि मंत्रो को देखें। मंत्र मशीनवत नहीं होने चाहिए कि आप मशीन की तरह से बोले चले जा रहे हैं। मंत्र ह्रदय से कहे जाने चाहिए। मंत्र यदि ह्रदय से नहीं कहे गए तो ये सिद्ध नहीं होते अर्थात सौ बार उच्चारण करने पर भी इनका कोई प्रभाव न होगा. सिद्ध मंत्र वह होता हैं उच्चारण करने पर जिसका प्रभाव हो, जो कार्य करें। मंत्र यदि कार्य नही करता तो आपका मंत्र अर्थहीन हैं।
देवी-देवताओं को जागृत करने के लिए आवश्यक हैं कि आपका मंत्रोच्चारण शुद्ध हो और आपका ह्रदय इसमे लिप्त हो।"
- परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी
देवी-देवताओं को जागृत करने के लिए आवश्यक हैं कि आपका मंत्रोच्चारण शुद्ध हो और आपका ह्रदय इसमे लिप्त हो।"
- परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी
November 26, 2008 at 10:16 AM
बढिया विचार प्रेषित किए है।आभार।