श्री कृष्ण के अवतरण ने किस प्रकार परिवर्तित किया  

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श्री कृष्ण जब पृथ्वी पर आए तो उन्होंने कहा कि यह सब लीला है। यह सब खेल है। परन्तु इसमें लिप्त रहने के कारण आप इस खेल को नहीं देख सकते। परन्तु यदि आप उन्नत होंगे - पानी में यदि आप हैं तो आपको पानी का डर लगेगा, परन्तु यदि नाव में बैठ जाएं तो वहाँ से पानी को देख सकेंगे और यदि तैरना आता है तो अन्य लोगों को भी डूबने से बचा पाएंगे। अतः वे कहते हैं यदि आप साक्षी अवस्था विकसित कर लें, साक्षी स्वरूप बन जाएं, तब साड़ी चीजों को नाटक के रूप में देखेंगे। तब कोई चीज़ आपको प्रभावित नही करेगी। किसी चीज़ कि आपको चिंता नहीं होगी। समस्याओं को आप देखेंगे, परन्तु क्योंकि आप इनसे ऊपर हैं इसलिए आप इन्हे हल कर सकते हैं। ये उनका महान अवतरण था, जिसमें उन्होंने उत्क्रांति की ओर पहला कदम सिखाया के आपको साक्षी बनना है। आपको साक्षी बनना है।


- परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी
(कबैला, इटली, १६/०८/१९९२)


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