नैतिकता अबोधिता की अभिव्यक्ति है  


आदिशक्ति ने सबसे पहले श्री गणेश का सृजन किया। उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्योंकि चैतन्य, पावित्र्य और मंगलमयता से वे सारे वातावरण को भरना चाहती थी। यह गुण अब भी है, सर्वत्र है, चैतन्य अब भी कार्यरत है परन्तु यह आधुनिक मस्तिष्क में प्रवेश नहीं कर सकता क्योंकि आधुनिक मस्तिष्क अबोधिता से अनभिज्ञ है। अबोधिता का इसे बिल्कुल ज्ञान नहीं। अबोधिता से ही जीवन में नैतिकता आती है। नैतिकता अबोधिता की अभिव्यक्ति है। अबोधिता से पता चलता है कि व्यक्ति दुश्चरित्र नहीं हो सकता।


- श्री माताजी निर्मला देवी
(१५ सितम्बर १९९६, श्री गणेश पूजा, कबैला, इटली)

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श्री माताजी निर्मला देवी