मइया के भरोसे हांको गाड़ी  




सुनो रे प्यारे भाई
मइया के भरोसे हांको गाड़ी
श्री माँ के भरोसे हांको गाड़ी
ना जाने कब टूट पड़े माथे पे काल कुल्हाड़ी
मइया के भरोसे हांको गाड़ी
श्री माँ के भरोसे हांको गाड़ी

पञ्च-तत्व से बनी यह कोठरिया जिसका नाम है काया
हो जिसका नाम है काया
हर एक जीव रहे इस घर में देकर सांस किराया
हो देकर सांस किराया
जब लुट जाएगी
जब लुट जाएगी सांस की पूंजी पछताओगे ओ अनारी
मइया के भरोसे हांको गाड़ी
श्री माँ के भरोसे हांको गाड़ी
सुनो रे प्यारे भाई
मइया के भरोसे हांको गाड़ी
श्री माँ के भरोसे हांको गाड़ी

जिसको हम तुम कहते हैं दुनिया वो एक दर्शन मेला
हो वो एक दर्शन मेला
एक दिन ऐसा आता यहाँ रे जब उड़ता हंस अकेला
हो जब उड़ता हंस अकेला
भक्ति के रंग में
भक्ति के रंग में रंगलो रे जीवन येही है मुक्ति की नाडी
मइया के भरोसे हांको गाड़ी
श्री माँ के भरोसे हांको गाड़ी

सुनो रे प्यारे भाई
मइया के भरोसे हांको गाड़ी
श्री माँ के भरोसे हांको गाड़ी
ना जाने कब टूट पड़े माथे पे काल कुल्हाड़ी
मइया के भरोसे हांको गाड़ी
श्री माँ के भरोसे हांको गाड़ी
 
 
 

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